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Showing posts from June, 2023

बीज उत्पादन: बीज उत्पादन का एक ऐसा मॉडल कि खरीदारी की समस्या भी हुई हल, कृषि केंद्र ने की शुरुआत

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बीज उत्पादन: बीज उत्पादन का एक ऐसा मॉडल कि खरीदारी की समस्या भी हुई हल, कृषि केंद्र ने की शुरुआत ग्लोबल रिसर्च सेंटर सहभागी बीज उत्पादन से किसानों को हुआ फ़ायदा बीज उत्पादन (बीज उत्पादन):  जब किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज मिलेंगे, तो फल का उत्पादन अधिक होगा और जब उत्पादन अधिक होगा तो स्थापित सी बात है कि उनके उद्यम। भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चरल रिसर्च) जैसी संस्था समय-समय पर सब्जियों के बीज की उन्नत उन्नत विकसित करती रहती है। कई बार किसानों को पर्याप्त मात्रा में उन्नत बीज उपलब्ध नहीं हो पाता। किसानों की फसल को पूरा करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र (KVK-कृषि विज्ञान केंद्र) के लिए यह संभव नहीं है, ऐसे में कृषि विज्ञान ग्लोबल रिसर्च सेंटर नरसारा ने तुमकुर जिले के कई किसानों को साथ लेकर सहभागी बीज उत्पादन (बीज उत्पादन) की योजना बनाई है। ।। इससे किसानों को फ़ायदा हुआ। ग्लोबल रिसर्च सेंटर सहभागी बीज उत्पादन क्या है (सहभागी बीज उत्पादन) कर्नाटक के तुमकुर जिले के किसानों क...

कटहल अपने औषधीय गुणों की वजह से भारत में सबसे तेजी से लोकप्रिय हो रहा फल

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कटहल अपने औषधीय गुणों  की वजह से भारत में सबसे तेजी से लोकप्रिय हो रहा फल प्रोफेसर (डॉ) एसके सिंह  प्रधान अन्वेषक, अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना एवं सह निदेशक अनुसन्धान  डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय , पूसा ,समस्तीपुर, बिहार  Send feedback sksraupusa@gmail.com/sksingh@rpcau.ac.in kunvarkps@gmail.com कटहल (आर्टोकार्पस हेटरोफिलस) एक उष्णकटिबंधीय फल है जो भारतीय उपमहाद्वीप का मूल निवासी है। यह एक पेड़ पर उगने वाला सबसे बड़ा फल है और इसका एक विशिष्ट स्वाद और बनावट है। भारत में कटहल की खेती का एक लंबा इतिहास रहा है और यह देश भर के कई राज्यों में व्यापक रूप से उगाया जाता है। हमारे देश में इस समय लगभग 11प्रतिशत जनसंख्या डायबिटीक  एवं लगभग 15 प्रतिशत जनसंख्या प्री डायबिटीक है। इस माहौल में देखा गया की कटहल के अंदर डायबिटीक रोग को प्रबंधित करने की छमता  है। बहुत तेजी से लोग कटहल के प्रोडक्ट का उपयोग डायबिटीक प्रबंधन में कर रहे है।हम कह सकते है की आगामी वर्षों में कटहल की मांग कई गुणा बढ़ने वाली है।आगामी मानसून के मौसम में अवश्य कटहल...

इस साल से केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में एवोकैडो की खेती (Avocado Farming) एवं अनुसंधान शुरू किया जाएगा

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इस साल से केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में एवोकैडो की खेती (Avocado Farming) एवं अनुसंधान शुरू किया जाएगा QRT, CIAH,बीकानेर एवं आईसीएआर - एआईसीआरपी (शुष्क फल) के बतौर सदस्य मुझे हार्टिकल्चर रीसर्च स्टेशन, हीरेहल्ली,कर्नाटक जो IIHR, बैंगलोर का एक अनुसंधान केंद्र है वहा जाने का सुअवसर प्राप्त हुआ। भ्रमण के दौरान मुझे एवोकैडो फल (Avocado fruits) खाने को मिला ,फल का स्वाद  शब्दों में व्यक्त कर पाना मेरे लिए संभव नहीं है....इसे खाते समय लग रहा था की मैं दुध की मलाई से बने किसी उच्च स्तरीय मिठाई  को खा रहा हूं। इस वर्ष जुलाई अगस्त से अखिल भारतीय समन्वित फल परियोजना के अंतर्गत इसके कुछ पेड़ पूसा में लगा कर इसकी खेती की संभावना को परखने का प्रयास प्रस्तावित है। इसमें फल आने में 5 से 6 वर्ष लगते है उसके उपरांत ही बिहार की कृषि जलवायु में  इस फल की खेती से संबंधित पैकेज एंड प्रैक्टिसेज दे पाना संभव होगा। भ्रमण के दौरान हमने वहा के वैज्ञानिक से विस्तार से चर्चा की की क्या इसकी खेती बिहार की कृषि जलवायु में किया जा सकता है की नही। उनसे हुईं वार्ता के आधार पर एवोकैडो की खेत...