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परियोजना सहायकों की नियुक्ति के संदर्भ में

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            ⛈️सूचना🌨️          -------------- परियोजना सहायकों के आवेदन के संदर्भ में महोदय,  बड़े हर्ष के साथ अवगत कराना है कि ग्लोबल फाउण्डेशन की कृषि एंव ग्रामीण विकास इकाई ग्लोबल कृषि एव कृषक विकास संस्थान द्वारा निम्न स्ववित्तपोषित परियोजनायें संचालित की जा रही हैं 1. ग्लोबल खुशहाल किसान एग्रीमार्ट परियोजनाः  ग्रा म पंचायत स्तर पर ग्लोबल खुशहाल किसान एग्रीमार्ट की स्थापना जिसके माध्यम से किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज, जैविक खाद जैवउर्वरक फसल संरक्षण हेतु दवाये शहद, आचार, मुरब्बे, मृद्रा परीक्षण कृषि उपकरणों की उपलब्धता, खरीफ एवं रबी में किसान गोष्ठी, कृषि पत्र एंव पत्रिकायें के साथ-साथ मशरूम उत्पादन, मधुमखी पालन, पुष्पोत्पादन. डेयरी पशु पालन, समन्धित रोग व कीट प्रबन्धन वर्मी कम्पोस्ट आदि पर प्रशिक्षित भी किया जायेगा। 2 -किसान उत्पादक संगठन (FPO): इण्डियन कम्पनीज एक्ट के तहत रजिस्टेशन करवाकर किसानों का लाभ दिलाना*- इस संगठन के माध्यम से किसानों को बीज, खाद, मशीनरी, मार्केट लिंकेज टेनिंग नेटवर्किंग वित्तीय सहायता आदि ज...

उत्तर प्रदेश में मत्स्य पालन को प्रोत्साहन देने की योजना के तहत योगी सरकार अगले सौ दिनों में मछली पालन के लिए दो हजार लाख से अधिक मत्सय बीज का वितरण

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उत्तर प्रदेश में मत्स्य पालन को प्रोत्साहन देने की योजना के तहत योगी सरकार अगले सौ दिनों में मछली पालन के लिए दो हजार लाख से अधिक मत्सय बीज का वितरण करेगी। आधकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि योगी सरकार प्रदेश में लघु, सूक्ष्म व्यवसाय इकाइयों को प्रोत्साहित कर रही है। इस संबंध में वह कम पूंजी में अधिक लाभ देने के लिए राज्य में मत्सय पालन को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश में मछली उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए उप्र मत्‍सय पालन विकास निगम के विभागीय मत्स्य फार्मों/हैचरी एवं निजी क्षेत्र की हैचरी से मत्स्य कृषकों को गुणवत्तापूर्ण मत्स्य बीज की आपूर्ति की जायेगी। इससे मत्स्य उत्पादन में वृद्धि होगी और मछली पालन को अपनाने वाले लोगों को स्थायी आजीविका भी उपलब्ध होगी। रिवर रैंचिंग की तकनीक को अपनाते हुए अगले 100 दिनों में मत्स्य विभाग द्वारा विभिन्न प्रजातियों की लगभग पांच लाख मत्स्य अंगुलिका का संचय किया जाएगा। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और राज्य में मछुआरा समुदाय की आय में वृद्धि होगी। सूत्रों के अनुसार अगले 100 दिनों में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न तालाबों के पानी और मिट्टी ...

ग्लोबल कृषि एवं कृषक विकास संस्थान की सुलतानपुर जिले के भदैया वह दूबेपुर ब्लाक में ग्राम पंचायत स्तर पर परियोजना सहायकों की चयन प्रक्रिया प्रारंभ

ग्लोबल कृषि एवं कृषक विकास संस्थान   की सुलतानपुर जिले के भदैया व दूबेपुर ब्लाक में ग्राम पंचायत स्तर पर परियोजना सहायकों की चयन प्रक्रिया प्रारंभ- बड़े  हर्ष के साथ अवगत कराया जाता हैै कि परियोजना सहायकों की नियुक्ति  के संदर्भ में आज न्याय पंचायत अभिया कला व महेशुआ के ग्राम प्रधान से सम्पर्क कर साक्षात्कार तिथि नियत की गई। स्थान-अभिया कला   पंचायत भवन  समय 10.30  दिनांक 20/04/2022 गांव पंचायत- 1-पूरे बाघराय 2-सातनपुर 3-पाल्हनपुर 4-मुरारपुर 5-बेलासदा 6-गोपालपुर 7-बभनगवां 8-बेलामोहन 9-बरुई 10-पन्नाटिकरी स्थान- पंचायत भवन महेशुआ   समय:10.30  दिनांक 24/04/2022 1-केनौरा 2-कैभा 3-औझी 4-जद्दूपुर 5-असरवन 6-लहिया जलपापुर 7-बालमपुर उपरोक्त गांव पंचायत के सम्मानित ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक बंधुओं से अनुरोध है कि अपने ग्राम पंचायत में इसकी सूचना करवायेंगे। नियत तिथि को समय से अपने * शैक्षिक योग्यता के अंकपत्र व प्रमाण पत्र की स्वहस्ताक्षरित छायाप्रतियां और * निवास प्रमाणपत्र * तीन फोटो * रु27-27 के डाक टिकट लगे दो लिफाफे  के साथ पंहुचें। ।।धन्यवाद।।

बंजर जमीन पर उद्यान विभाग देगा 50प्रतिशत अनुदान

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इ कौशलेन्द्र प्रताप सिंह   सरकार किसानों की आय बढ़ाने व आर्थिक मदद करने के लिए तरह-तरह की योजनाओं पर काम करती रहती हैं, ताकि देश के किसान को खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. इसी क्रम में जिला उद्यान विभाग भी किसानों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. आपको बता दें कि किसान की बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने व उस पर खेती करने के लिए जिला उद्यान विभाग के द्वारा  बंजर जमीन  पर काम किया जा रहा है. उद्यान विभाग द्वारा किसानों को बंजर जमीन के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान भी दिया जा रहा है. जिससे किसान बंजर जमीन को उपजाऊ बना सके. जिले में 22109 हेक्टेयर तक बंजर जमीन फैली  (Barren land spread up to 22109 hectares in the district) आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कटिहार जिले में लगभग 22109 हेक्टेयर तक बंजर जमीन (barren land) फैली है. उद्यान विभाग की अनुदान योजना के तहत इन बंजर जमीन पर ड्रैगन फ्रूट, सेव आदि फसल के पौधे की खेती की जा सके. जहां पूरे देश में  राष्ट्रीय बागवानी क्षेत्र विस्तार योजना  (National Horticulture Area Extension Scheme) से किसानों की बंजर जमीन को उप...

उप्र की तस्वीर बदलेंगे F.P.O (किसान उत्पादक संगठन) ग्लोबल फाउण्डेशन का अभियान हर विकासखंड में एफ पी ओ

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ऐसे में अगर यहां कुछ भी बदलाव या कुछ भी नया होता है, तो इसका असर कहीं ना कही देश के बाकी राज्यों में भी पड़ता है. ऐसे में योगी सरकार ने राज्य के किसानों के लिए  एक बड़ी खुशखबरी दी है. राज्य सरकार अब किसानों के आय और फसल उत्पादन को बढ़ाने के लिए एफपीओ (FPO) की स्थापना करने जा रही है. ये एफपीओ क्या होता है ये आपको जरूर बतायेंगे, लेकिन उससे पहले जानते है कि एफपीओ आखिरकार अभी खबरों में क्यों है. इस कौशलेन्द्र प्रताप सिंह हर विकासखंड में बनेगा एफपीओ(FPO will be made in every development block) दरअसल, योगी सरकार राज्य के सभी 825 विकासखंडों में नए एफपीओ का गठन करने जा  रही है. वो भी मात्र 100 दिन के भितर. इसके लिए राज्य सरकार ने 354.75 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान तैयार किया है. राज्य में अगर 825 एफपीओ (FPO) बन कर तैयार हो जाते है, तो इसका फायदा सीधे राज्य के 4 लाख किसानों को मिलेगा. इसके तहत 100 दिनों में हर विकासखंड में एक विशेष फसल का चुनाव भी किया जाएगा. आखिरकार एफपीओ होता क्या है?(What is FPO after all?) पहले तो इसका फुलफॉर्म जान लेते है, एफपीओ यानि किस...

गेंहूँ का भाव हो सकता है 3000 पार

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 आने वाले दिनों में गेहूं की बढ़ती कीमतों से फिलहाल राहत मिलती हुई नहीं दिखाई पड़ रही है। जानकारों की मानें तो शाॅर्ट से लांग टर्म में गेहूं का भाव 3,000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर तक पहुंच सकता है। वहीं सीबीओटी (Chicago Board of Trade) पर भी गेहूं की कीमतों में जोरदार तेजी की संभावना जताई जा रही है। ओरिगो ई-मंडी के सीनियर मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) इंद्रजीत पॉल के अनुसार अप्रैल के महीने में गेहूं की कटाई जोरों पर है और यही वजह है कि कीमतों में कुछ गिरावट आ सकती है। हालांकि उनका मानना है कि कीमतों में आई गिरावट सीमित रहेगी और भाव के 2,015-2,020 रुपए प्रति क्विंटल के नीचे जाने की गुंजाइश कम है। ग्लोबल लेवल पर गेहूं की सप्लाई कमजोर उनका कहना है कि गेहूं में 2,270 रुपए का मजबूत रेसिस्टेंस है और उसके ऊपर भाव टिकने पर शाॅर्ट से लांग टर्म में 2,600 रुपए से 3,000 रुपए का ऊपरी स्तर दिखाई पड़ सकता है। इसके अलावा ग्लोबल लेवल पर सप्लाई प्रभावित होने और अंतिम स्टॉक कमजोर रहने से शाॅर्ट टर्म में गेहूं की कीमतों में तेजी का रुझान बना रहेगा। इंद्रजीत कहते हैं कि शाॅर्ट टर्म में सीबीओटी प...

मंडी समिति के उद्देश्य

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16 : 56 : 14 Monday 11 April 2022 Skip To Main Content -A A +A Theme कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग का उद्भव एवम् उपादेयता देश की स्वतन्त्रता के पूर्व का विपणन परिदृश्य- देश की स्वतन्त्रता के पूर्व का विपणन परिदृश्य- स्वतंत्रता के पूर्व रायल कमीशन आन एग्रीकल्चर 1928 की संस्तुतियों के अनुसार कृषकों की उपज की उचित विपणन व्यवस्था स्थापित कर किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाए जाने की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित हुआ। रायल कमीशन द्वारा यह अनुभव किया गया कि तत्कालीन कृषि विभाग द्वारा कृषि उपज की पैदावार तथा उसकी गुणवत्ता सुधार में तो प्रगति की गई है, परन्तु बढे हुई कृषि पैदावार की उचित विपणन व्यवस्था न होने के कारण किसानों को लाभकारी मूल्य नही मिल पा रहा है । इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु तत्कालीन शासकों द्वारा भारत सरकार स्तर पर वर्ष 1935 में, कृषि उपज की उचित विपणन व्यवस्था स्थापित करने के लिए कृषि विपणन सलाहकार का पद सृजित किया गया तथा उत्तर प्रदेश (तत्कालीन संयुक्त प्रान्त) में भी इसी वर्ष 1935 में कृषि विभाग के अंतर्गत कृषि निदेशक के अधीन ''कृषि विपणन संगठन'' का गठन किया...