यूपी का पहला एफपीओ, जिसके पास है खुद का सौर ऊर्जा से चलने वाला कोल्ड स्टोरेज

यूपी का पहला एफपीओ, जिसके पास है खुद का सौर ऊर्जा से चलने वाला कोल्ड स्टोरेज

यूपी के रामपुर जिले में एक एफपीओ ने सोलर कोल्ड स्टोरेज और साइलो बनाया है, जिसमें किसानों के जल्दी ख़राब होने वाले उत्पाद, जैसे हरी सब्जियां और दूध खराब होने से बच सकेंगे।

किसानों जल्दी ख़राब होने वाले उत्पाद, हरी सब्जियां और दूध किसानों को को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। ख़राब होने से बचाने के लिए किसान अक्सर इन्हें औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर हो जाते हैं। लेकिन यूपी के रामपुर ज़िले के एफपीओ ने इसका हल निकाल लिया है। किसान, अब कई दिन तक हरी सब्जियों और दूध जैसे उत्पादों ख़राब होने से बचा सकते हैं।

रामपुर जिले में चमरव्वा ब्लॉक के पसियापुर जनूबी गाँव के 'रामपुर कृषक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड' के पास अपना खुद का कोल्ड स्टोरेज और साइलो है। अब तक रामपुर के लगभग दो हज़ार किसान इससे जुड़ चुके हैं।

किसान को फसल का उचित मूल्य चाहिए होता है। कई बार किसान मंडी में फसल लेकर जाता है, लेकिन मंडी में उस दिन उसका इतना कम दाम होता है कि उसकी लागत भी नहीं निकल पाती है। अगर किसान के पास ऐसी व्यवस्था हो जिसे वो अपने उत्पाद को तीन-चार दिन या फिर हफ्ते दस दिन भी रोक ले तो उसे अच्छा दाम मिल सकता है, क्योंकि मंडी में उसकी आवक कम हो जाती है," एफपीओ अध्यक्ष, अमित वर्मा (46 वर्ष) ने कहा।

यानी किसान उत्पादक संगठन, किसानों का एक ऐसा समूह जो अपने क्षेत्र में फसल उत्पादन से लेकर खेती-किसानी से जुड़ी तमाम व्यावसायिक गतिविधियाँ भी चलाता है। एफपीओ में 100 से लेकर कई हजार किसान तक शामिल हो सकते हैं। एफपीओ के जरिये किसानों को न सिर्फ कृषि उपकरण के साथ खाद, बीज, उर्वरक जैसे कई उत्पादों को थोक में खरीदने की छूट मिलती है बल्कि वो तैयार फसल, उसकी प्रोसेसिंग करके उत्पाद को मार्केट में बेच भी सकते हैं। एक तरह से ये सहकारिता पर आधारित प्राइवेट कंपनियां होती हैंछोटे और सीमांत किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार भी एफपीओ को ख़ासा बढ़ावा दे रही है। साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कह रही सरकार ने 2024 तक देश में 10,000 नए एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखा है।

रामपुर जिले में चमरव्वा ब्लॉक के पसियापुर जनूबी गाँव के 'रामपुर कृषक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड' के पास अपना खुद का कोल्ड स्टोरेज और साइलो है। अब तक रामपुर के लगभग दो हज़ार किसान इससे जुड़ चुके हैं।

एफपीओ से रामपुर जिले में दो हजार से ज्यादा किसान जुड़े हुए हैं। फोटो: अमित वर्मा

"किसान को फसल का उचित मूल्य चाहिए होता है। कई बार किसान मंडी में फसल लेकर जाता है, लेकिन मंडी में उस दिन उसका इतना कम दाम होता है कि उसकी लागत भी नहीं निकल पाती है। अगर किसान के पास ऐसी व्यवस्था हो जिसे वो अपने उत्पाद को तीन-चार दिन या फिर हफ्ते दस दिन भी रोक ले तो उसे अच्छा दाम मिल सकता है, क्योंकि मंडी में उसकी आवक कम हो जाती है," एफपीओ अध्यक्ष, अमित वर्मा (46 वर्ष) ने कहा।


क्या होता है एफपीओ

यानी किसान उत्पादक संगठन, किसानों का एक ऐसा समूह जो अपने क्षेत्र में फसल उत्पादन से लेकर खेती-किसानी से जुड़ी तमाम व्यावसायिक गतिविधियाँ भी चलाता है। एफपीओ में 100 से लेकर कई हजार किसान तक शामिल हो सकते हैं। एफपीओ के जरिये किसानों को न सिर्फ कृषि उपकरण के साथ खाद, बीज, उर्वरक जैसे कई उत्पादों को थोक में खरीदने की छूट मिलती है बल्कि वो तैयार फसल, उसकी प्रोसेसिंग करके उत्पाद को मार्केट में बेच भी सकते हैं। एक तरह से ये सहकारिता पर आधारित प्राइवेट कंपनियां होती हैं।

छोटे और सीमांत किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार भी एफपीओ को ख़ासा बढ़ावा दे रही है। साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कह रही सरकार ने 2024 तक देश में 10,000 नए एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखा है।

एफपीओ द्वारा समय-समय पर किसानों को आधुनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाता है।

रामपुर में इस एफ़पीओ की शुरुआत करने के विचार के बारे में अमित वर्मा ने गांव कनेक्शन को बताया, "कहीं पर जॉब करने पर हम एक जगह पर बंधकर रह जाते हैं, लेकिन एफपीओ के माध्यम से हम लोगों को तक पहुंचते हैं और कहीं न कहीं इससे समाज सेवा भी होती रहती है।" इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग और एमबीए करने और कई साल नौकरी करने के बाद करीब दो साल पहले अमित वर्मा ने एफपीओ की शुरूआत की।

आज गाँव में कोल्ड स्टोरेज बनकर तैयार हो गया है, इसके साथ ही अमित मोबाइल सोलर कोल्ड स्टोरेज की भी शुरूआत करने जा रहे हैं। अमित बताते हैं, "गाँव से मंडी तक उत्पाद ले जाना भी एक प्रक्रिया है। कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिसे रात में ही तोड़ा जाता हैं और सुबह मंडी ले जाते हैं। उतनी देर में तो मुरझा जाती है। मंडी में भी एक गिरोह काम करता है, जो चाहता ही नहीं कि किसान को सही दाम मिले। इसलिए हमने ये सोलर मोबाइल कोल्ड स्टोरेज बनाया है। 

ग्लोबल फाउण्डेशन सोसाइटी द्वारा स्थापित ग्लोबल कृषि एवं कृषक विकास संस्थान उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों मे कृषि एवं ग्रमीण विकास के लिए प्रसार योजना अन्तर्गत जिले स्तर पर जिला योजना कार्यालय व सुदूर ग्रामीण अंचल में विकास खण्ड व ग्राम पंचायत स्तर पर खुशहाल किसान एग्रीमार्ट की स्थापना कर रहा है।


ग्लोबल कृषि एवं कृषक विकास संस्थान, नरेन्द्र देव कृषि एंव प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (NDUA&I) कुमार गंज फैजाबाद, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (NBRI) लखनऊ, चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर, सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं पौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मोदीपुरम्, मेरठ, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्(ICAR)नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद् (UPCAR) के तकनीकी सहयोग से किसान केन्द्र खोला जा सकता हैं जिसके अन्तर्गत जैविक खाद, जैव पदार्थ कृषि रक्षा रसायन, छोटे कृषि यंत्र पादप संरक्षण, जैट्रोफा व अन्य औषधीय फसलों के बीज, धान, गेहू, दलहन, सब्जियों व फुलो के बीच कृषक प्रशिक्षण, अद्यतन तकनीको की जानकारी केन्द्र द्वारा सीधे किसानो को उपलब्ध करवाई जायेगी।

प्रमाणित एवं उच्च गुणवत्ता के बीज, खाद कृषि यंत्र, मृदा परीक्षण (सूक्ष्म व सामान्य) जल परीक्षण व उपलब्ध अन्य सुविधायें बाजार भाव से 20% या अधिक छूट देकर उपलब्ध करवाई जायेगी। प्रत्येक गॉव पंचायत स्तर पर परियोजना के संचालन क्रियान्वयन के लिये मानदेय आधारित परियोजनाओं सहायको का चयन व प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जो कि किसान कार्ड, मृदा परीक्षण व अद्यतन तकनीकी की जानकारी किसानों को दे रहे है।


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