मिट्टी जांच के लिए नमूना लेने की विधि एवं सावधानियां
अगर आप मिट्टी जांच करवाना चाहते हैं तो इस प्रक्रिया के लिए नमूना लेने की विधि और नमूना लेने के समय बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी होना आपने लिए बहुत जरूरी है। नमूना लेते समय हमारी जरा सी गलती से जांच का परिणाम गलत हो सकता है। मिट्टी जांच के लिए नमूना लेने की विधि एवं सावधानियों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
मिट्टी जांच के लिए नमूना लेने की विधि
जिस खेत की मिट्टी की जांच करवानी है उस खेत में 8-10 जगह निशान लगा लें।
निशान लगाए सभी जगहों से घास, कंकड़, पत्थर आदि हटा दें।
सभी स्थानों में 15 सेंटीमीटर गहराई तक खोद कर मिट्टी निकालें।
अब सभी गड्ढों से 2-3 सेंटीमीटर मिट्टी निकालें। सभी गड्ढों से निकाली गई मिट्टी को अच्छी तरह मिला दें।
अब मिट्टी को चार भागों में बांट लें। आमने - सामने के दो भागों की मिट्टी को मिला दें और शेष मिट्टी फेंक दें।
मिट्टी के करीब 500 ग्राम होने तक इस प्रक्रिया को दुहराएं। इस तरह से लिया गया नमूना पूरे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है।
इस नमूने के साथ अपना नाम, पूरा पता, खेत की पहचान, नमूना लेने की तारीख, जमीन की ढलान, सिंचाई का स्त्रोत , जल निकासी, अगली बुवाई करने की फसल, पिछले वर्ष की फसलों की जानकारी आदि विवरण के साथ जांच के लिए कृषि विकास प्रयोगशाला में भेज दें।
मिट्टी जांच के समय सावधानियां
गीली मिट्टी का नमूना न लें। अगर मिट्टी गीली है तो मिट्टी के नमूने को छांव में सूखाने के बाद जांच के लिए भेजें।
मिट्टी के नमूने को दूषित होने से बचने के लिए किसी साफ थैली का प्रयोग करें।
अगर एक ही खेत के विभिन्न स्थानों में अलग-अलग फसलों की खेती की जाती है तो उनका नमूना भी अलग अलग ही लें।
जिस खेत में हाल ही में कम्पोस्ट, खाद, चूना, जिप्सम आदि का प्रयोग किया गया है उस खेत के मिट्टी का नमूना न लें।
खेत की डेर, मेड़ें, रास्तों की मिट्टी का नमूना नहीं लेना चाहिए, खेत के किनारों से कम से कम 1-1.5 मीटर अंदर की तरफ से नमूना लें।
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