केला में फरवरी माह मेंकिए जाने वाले प्रमुख कृषि कार्य
केला में फरवरी माह में
इ कौशलेन्द्र प्रताप सिंह
निदेशक
ग्लोबल फाउण्डेशन सोसायटी
ईमेल - globalfoundation788@gmail.com
वेबसाइट -- globalkrishi.com
केला का उत्तक संबर्धन से लगाया गया पौधा 7-8 महीने का हो गया होगा , अब इसमे हल्की जुताई-गुड़ाई करने के बाद प्रति केला 200 ग्राम यूरिया, 200 ग्राम म्यूरेट आफ पोटाश एवं 100 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग करें तथा मिट्टी चढ़ा दे , क्योकि अब इसमे फूल आने ही वाला है । ज्ञातव्य हो की बिहार में केला के लिए 300 ग्राम नत्रजन, 200 ग्राम फास्फोरस एवम् 300 ग्राम पोटाश तत्व के रूप प्रति पौधा देने की अनुसंशा किया जाता हैं एवम् सलाह दिया जाता है की उपरोक्त उर्वरकों की मात्रा को तीन या चार बराबर बराबर हिस्से मे बाट दिया जाय।जब चार स्प्लिट मे देना हो तो 0,3,6,9 वे महीने में यदि 3 स्प्लिट मे देना हो तो 0,4,8 महीने में ऊर्वरकों को देना चाहिए।
सूखी एवं रोगग्रस्त पत्तियों को तेज चाकू से समय-समय पर काटते रहना चाहिए। येसा करने से रोग की सान्ध्रता भी घटती है एवं रोग का फैलाव भी कम होता है। हवा एवं प्रकाश नीचे तक पहुचता रहता है, जिससे कीटों की संख्या में भी कमी आती है। अधिकतम उपज के लिए स्वस्थ 13-15 पत्तियों ही पर्याप्त होती है। आवश्यकतानुसार हल्की- हल्की सिचांई करे।
यदि पत्तियों या पौधों में किसी भी प्रकार का सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी दिखाई दे तो अविलंब उस कमी को दूर करने के लिए उसका छिड़काव करें।उपरोक्त सभी उपाय आगामी केला की उपज को सीधे प्रभावित करेगा।
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