हड़जोड़ (Veld Grape)
हड़जोड़ (Veld Grape)
इस पौधे को भारत में हर किसी ने अपने आसपास जरूर देखा होगा। अगर नहीं देखा तो अपनी नजर दौड़ाइये सड़क के किनारे किसी पेड़ पर चढ़ी हुई इस पौधे की लता आपको बड़ी आसानी से देखने को मिल जाएगा। यह एक बेशकीमती पौधा है। आयुर्वेद में इस पौधे का काफी महत्त्व है।
#हड़जोड़_या_अस्थिसंहार अस्थिसंहार को आयुर्वेद में औषधि के रुप में सबसे ज्यादा प्रयोग हड्डियों को जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा भी अस्थिसंहार पेट संबंधी समस्या, पाइल्स, ल्यूकोरिया, मोच, अल्सर आदि रोगों के उपचार में भी काम आता है।
#हड़जोड़ - टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने में मदद करता है। इसका पेड़ देखने में शृंखला जैसा लगता है, इसके पुराने तने पत्ते रहित होते हैं। यह हड्डियों संबंधित बिमारियों में मदद में आता है।
अस्थिसंहार प्रकृति से मधुर, कड़वा, तीखा, गर्म, लघु, गुरु, रूखी, कफवातशामक, पाचक और शक्तिवर्द्धक होता है।
#हड़जोड़ के पौधे से प्राप्त ग्लूकोसाइड हृदयपेशी पर नकारात्मक क्रोनोट्रापिक प्रभाव डालता है। यह परखनलीय परीक्षण में अस्थिजनन क्रियाशीलता दिखाता है।
#हड़जोड़ का वानास्पतिक नाम सीस्सुस क्वॉड्रंगुलारिस् और यह अस्थिजोड़ वाइटेसी कुल का पौधा है। अस्थिजोड़ को अंग्रेजी में #बोन_सेटर और #वेल्ड_ग्रेप कहते हैं। #संस्कृत में ग्रन्थिमान्, अस्थिसंहार, वज्राङ्गी, अस्थिश्रृंखला, चतुर्धारा; #हिंदी में हड़जोड़, हड़संघारी, हड़जोड़ी, हड़जोरवा कहा जाता है।
#हड़जोड़_के_फायदे -
#ब्रोंकियल_अस्थमा_में हड़जोड़ का औषधीय गुण लाभकारी साबित हो सकता है। 5-10 मिली हड़जोड़ रस को गुनगुना कर पिलाने से तमक श्वास में लाभ होता है।
#बदहजमी_ हड़जोड़ का औषधीय गुण घरेलू इलाज में बहुत काम आता है। 5-10 मिली हड़जोड़ पत्ते के रस में मधु मिलाकर पिलाने से पाचन क्रिया ठीक होती है तथा उदर संबंधित समस्याओं से आराम मिलता है।
#अर्श_या_पाइल्स - पाइल्स की बीमारी में हड़जोड़ का घरेलू उपाय बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।
#डिलीवरी_के_बाद_के_दर्द से दिलाये राहत हड़जोड़।
हड़जोड़ के तने एवं पत्तों को पीसकर लेप करने से डिलीवरी के दर्द से आराम मिलता है।
#ल्यूकोरिया_में - ल्यूकोरिया से राहत पाने में हड़जोड़ का सेवन फायदेमंद होता है। 5-10 मिली हड़जोड़ काण्ड रस का सेवन करने से अनियमित आर्तवस्राव तथा श्वेतप्रदर या सफेद पानी में लाभ होता है।
#गठिया - एक भाग छिलका रहित तना तथा आधा भाग उड़द की दाल को पीस कर, तिल तेल में छान कर, वटिका बनाकर सेवन करने से वातरोगों में लाभकारी होता है। 15 दिनों तक अस्थिसंहार का व्यंजन आदि के रूप में सेवन करने से हड्डियों के टूटने में शीघ्र लाभ होता है तथा तीव्र वात के बीमारियों में लाभ मिलता है।
#हड्डियों_को_जोड़ने_में -टूटी हड्डी या संधि पर हड़जोड काण्ड कल्क का लेप करने से हड्डी जुड़ने में मदद मिलती है।
-10-15 मिली हड़जोड़ स्वरस को घी में मिलाकर पीने से तथा भग्न स्थान पर इसके कल्क में अलसी तैल मिलाकर बांधने से भग्न अस्थि का संधान होता है।
-2-5 ग्राम हड़जोड़ मूल चूर्ण को दुग्ध के साथ पिलाने से भी टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।
#रीढ़_के_दर्द_से_राहत -हड़जोड़ के पत्तों को गर्म करके सिंकाई करने से रीढ़ की हड्डी का दर्द कम होता है।
#मोच_का_दर्द - हड़जोड़ के रस में तिल तैल मिलाकर, पकाकर, छानकर लगाने से मोच के दर्द में लाभ होता है।
#घाव_में - जले हुए घाव अथवा कीट के काटने पर हुए घाव में हड़जोड जड़ के रस का लेप लाभप्रद होता है।
#ब्लीडिंग_कम_करे- हड़जोड़ रस को लगाने से कटने छिलने से होने वाला रक्तस्राव रुक जाता है। इसके अलावा 2-4 मिली तने और जड़ के रस को पीने से दंत रक्तस्राव, नासिका रक्तस्राव तथा रक्तार्श या बवासीर में खून आना कम हो जाता है।
#शरीर_में_दर्द - सोंठ, काली मिर्च तथा अस्थिसंहार प्ररोह पेस्ट (1-2 ग्राम) का सेवन करने से शरीर के दर्द से राहत मिलती है।
#उपयोगी_भाग -आयुर्वेद में हड़जोड़ के तना, पत्र तथा जड़ का औषधि के रुप में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
#नोट- अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए हड़जोड़ का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।चिकित्सक के परामर्शानुसार--2-4 मिली तने जड़ का रस,1-2 ग्राम पेस्ट,5-10 मिली पत्ते का रस का उपयोग किया जा सकता है।
#हड़जोड़ से जुड़ी जानकारी या अनुभव अगर आपके पास भी है तो जरूर शेयर करे।K.P.Singh Global Foundation Society
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