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UP : आज समूह में काम करने वाले किसानों को बड़ी सौगात देगी सरकार, कैबिनेट बैठक में मिल सकती है मंजूरी

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UP : आज समूह में काम करने वाले किसानों को बड़ी सौगात देगी सरकार, कैबिनेट बैठक में मिल सकती है मंजूरी प्रदेश में आत्म निर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के अंतर्गत गठित कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को शेयर पूंजी अनुदान निधि के रूप में 6-6 लाख रुपये देने का प्रस्ताव है। बुधवार को प्रदेश कैबिनेट इस प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है प्रदेश में आत्म निर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के अंतर्गत गठित कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को शेयर पूंजी अनुदान निधि के रूप में 6-6 लाख रुपये देने का प्रस्ताव है। बुधवार को प्रदेश कैबिनेट इस प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है सूत्रों ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों को कृषक उद्यमी के रूप में प्रोत्साहित कर पूर्ण स्वरोजगारी बनाने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए कृषक समन्वित विकास योजना के अंतर्गत गठित किए जाने वाले एफपीओ को उनके अंशधारकों की पूंजी के बराबर अथवा अधिकतम छह लाख रुपये शेयर पूंजी अनुदान देने का प्रस्ताव है। यह शेयर पूंजी 2000 रुपये प्रति शेयर होल्डर, 300 शेयर होल्डर के लिए होगी। इससे एफपीओ व उससे जुड़े किसानों को व्यावसायिक क्त्रियाकलापों को तेज...

नए उत्तर प्रदेश' का विकासोन्मुखी बजट

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'नए उत्तर प्रदेश' का विकासोन्मुखी बजट उत्तर प्रदेश के कृषकों की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की दशा में अधिकतम ₹5 लाख दिए जाने का प्रावधान है। MYogiAdityanath  उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को पेश अपने बजट में आवारा पशुओं की देखभाल के लिए 750 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इसके साथ ही 120 करोड़ रुपये गो संरक्षण केंद्र बनाने के लिए आवंटित किए गए हैं. राज्य के 2023-24 के बजट में 'किसान पाठशालाओं' के लिए 17 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. प्राइवेट ट्यूब वेल्स को दी जाने वाली बिजली में सब्सिडी और कृषि विश्वविद्यालयों के लिए फंड का प्रावधान किया गया है। बजट पेश करने के दौरान बताया गया कि राज्य के अलग-अलग जिलों में में बनाए जा रहे 187 संरक्षण केंद्रों में से 171 केंद्रों का काम पूरा हो चुका है। Suresh Kumar Khanna  बजट में 14 नए मेडिकल बनाने और उनके संचालन के लिए 2491 करोड़ 39 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है. प्रदेश सरकार हर जिले में एक म...

इस फसल की खेती से मालामाल हो रहे UP के किसान, 15 हजार रुपये क्विंटल बिकता है इसका बीज

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इस फसल की खेती से मालामाल हो रहे UP के किसान, 15 हजार रुपये क्विंटल बिकता है इसका बीज भारत के हर घर में मसालों का अपना एक अलग महत्वपूर्ण स्थान है. खास कर यहां के हर  रसोई घर  में मसाले अपना जायके के लिए एक अलग स्थान रखते हैं. साथ ही मसालों का  आयुर्वेदिक दवा  के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. इन्हीं मसालों में से अपने जायके को सदियों से बरकरार रखने वाला एक मसाला अजवाइन है, जो लगभग हर सब्जी को जायके को और उम्दा बना देती है. आयुर्वेद के धुरंधर जानकारों की मानें तो अजवाइन का पुरातन काल से आयुर्वेद में अपना एक अलग स्थान रहा है. पुराने समय से ही इसे दवा में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए इसकी मांग हर समय बनी रहती है. वैसे तो अजवाइन की खेती पहले अमेरिका, मिस्र, ईरान और अफगानिस्तान में की जाती थी, लेकिन अब इंडिया में भी किसान इसकी फार्मिंग कर रहे हैं. महंगी होने के कारण किसानों को इससे काफी फायदा हो रहा है. वैसे राजस्थान के चित्तौड़गढ़ और झालवाड़ा जिले में इसकी बड़ी संख्या में खेती की जाती है. साथ ही भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी और बांसवाड़ा जिला भी अजवाइ...

नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

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🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️ दोहे- शीर्षक- *दिसंबर की आखिरी रात* सन बाइस की आखिरी,  शेष आज है रात। सन तेइस के भोर में,  आये नवल प्रभात ।।1 साल माह दिन पल पहर  , देते हैं संज्ञान। जो भी आया भूमि पर, हो उसका अवसान।।2 माह दिसंबर शीत में,  गलकर भी आबाद। जाते ,आये जनवरी,  सुंदर आशीर्वाद।।3 बिन अलाव कटती नहीं , पूसी ठंडी रात। कथरी सब असमर्थता, व्यक्त करें बिन बात।।4 माह दिसंबर जा रहा, देकर शीत प्रचंड। कांप रहा हर जीव है,  भू पर पाकर पिंड।।5 अवरोही पा पूर्णता , हो नवीन आरोह। इसी मंत्र से ऋतु फलै, बढ़े वासना मोह।।6 कैसे खुशी मना सकें,  दीन दरिद्र गरीब। रात मड़ैया में कटे, दिन भोजन तरकीब।।7 माह दिसंबर दे रहा, सबको यह संदेश। मानवता अपनाइए,  हरिये जन के क्लेश।।8 सारी आमद खेत में, खाद बीज जल घालि। किसी तरह जनता रही, निज बच्चों को पालि।।9 पूस नारकी माह में , सूझि परइ नहिं पंथ। शीत बिकट हड्डी गलें,  मुश्किल सांस सुपंथ।।10 ऐसे में नव वर्ष का, क्या आदर सत्कार। दो मुट्ठी जाड़ा बिकट,  बहु अभाव परिवार।।11 शीत लहर कुहरा बिकट, हांड़ कँपाऊ सर्द। नए ईसाई वर्ष...

किसान उत्पादक संगठन क्या है?

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किसान उत्पादक संगठन क्या है? एफपीओ एक प्रकार का उत्पादक संगठन है जहां संगठन के सदस्य किसान होते हैं। इन्हें किसान उत्पादक कंपनियों (FPC) के रूप में भी जाना जाता है।  किसान उत्पादक संगठन- एफपीओ के बारे में समझने के लिए उत्पादक संगठन के बारे में समझना अनिवार्य है।  एक निर्माता संगठन क्या है? एक उत्पादक संगठन (पीओ) प्राथमिक उत्पादकों द्वारा गठित एक कानूनी इकाई है जो किसान, दूध उत्पादक, मछुआरे, बुनकर, ग्रामीण कारीगर, शिल्पकार आदि हैं। पीओ किसी भी उत्पाद के उत्पादकों के संगठन के लिए एक सामान्य नाम है, उदाहरण के लिए, कृषि , गैर-कृषि उत्पाद, कारीगर उत्पाद, आदि। एक निर्माता संगठन एक निर्माता कंपनी, एक सहकारी समिति या कोई अन्य कानूनी रूप हो सकता है जो सदस्यों के बीच लाभ या लाभ साझा करने का प्रावधान करता है। उत्पादक कंपनियों के कुछ रूपों में, प्राथमिक उत्पादकों के संस्थान भी पीओ के सदस्य बन सकते हैं। ये मूल रूप से सहकारी समितियों और निजी कंपनियों के संकर हैं। इन कंपनियों की भागीदारी, संगठन और सदस्यता पैटर्न कमोबेश सहकारी समितियों के समान हैं। लेकिन उनके द...

परियोजना सहायकों की नियुक्ति के संदर्भ में

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            ⛈️सूचना🌨️          -------------- परियोजना सहायकों के आवेदन के संदर्भ में महोदय,  बड़े हर्ष के साथ अवगत कराना है कि ग्लोबल फाउण्डेशन की कृषि एंव ग्रामीण विकास इकाई ग्लोबल कृषि एव कृषक विकास संस्थान द्वारा निम्न स्ववित्तपोषित परियोजनायें संचालित की जा रही हैं 1. ग्लोबल खुशहाल किसान एग्रीमार्ट परियोजनाः  ग्रा म पंचायत स्तर पर ग्लोबल खुशहाल किसान एग्रीमार्ट की स्थापना जिसके माध्यम से किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज, जैविक खाद जैवउर्वरक फसल संरक्षण हेतु दवाये शहद, आचार, मुरब्बे, मृद्रा परीक्षण कृषि उपकरणों की उपलब्धता, खरीफ एवं रबी में किसान गोष्ठी, कृषि पत्र एंव पत्रिकायें के साथ-साथ मशरूम उत्पादन, मधुमखी पालन, पुष्पोत्पादन. डेयरी पशु पालन, समन्धित रोग व कीट प्रबन्धन वर्मी कम्पोस्ट आदि पर प्रशिक्षित भी किया जायेगा। 2 -किसान उत्पादक संगठन (FPO): इण्डियन कम्पनीज एक्ट के तहत रजिस्टेशन करवाकर किसानों का लाभ दिलाना*- इस संगठन के माध्यम से किसानों को बीज, खाद, मशीनरी, मार्केट लिंकेज टेनिंग नेटवर्किंग वित्तीय सहायता आदि ज...

उत्तर प्रदेश में मत्स्य पालन को प्रोत्साहन देने की योजना के तहत योगी सरकार अगले सौ दिनों में मछली पालन के लिए दो हजार लाख से अधिक मत्सय बीज का वितरण

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उत्तर प्रदेश में मत्स्य पालन को प्रोत्साहन देने की योजना के तहत योगी सरकार अगले सौ दिनों में मछली पालन के लिए दो हजार लाख से अधिक मत्सय बीज का वितरण करेगी। आधकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि योगी सरकार प्रदेश में लघु, सूक्ष्म व्यवसाय इकाइयों को प्रोत्साहित कर रही है। इस संबंध में वह कम पूंजी में अधिक लाभ देने के लिए राज्य में मत्सय पालन को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश में मछली उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए उप्र मत्‍सय पालन विकास निगम के विभागीय मत्स्य फार्मों/हैचरी एवं निजी क्षेत्र की हैचरी से मत्स्य कृषकों को गुणवत्तापूर्ण मत्स्य बीज की आपूर्ति की जायेगी। इससे मत्स्य उत्पादन में वृद्धि होगी और मछली पालन को अपनाने वाले लोगों को स्थायी आजीविका भी उपलब्ध होगी। रिवर रैंचिंग की तकनीक को अपनाते हुए अगले 100 दिनों में मत्स्य विभाग द्वारा विभिन्न प्रजातियों की लगभग पांच लाख मत्स्य अंगुलिका का संचय किया जाएगा। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और राज्य में मछुआरा समुदाय की आय में वृद्धि होगी। सूत्रों के अनुसार अगले 100 दिनों में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न तालाबों के पानी और मिट्टी ...