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सूरन जिमीकन्द/कांद

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सूरन/जिमीकन्द/ कांद  पूरे उत्तर भारत में सूरन की खेती होती है जबकि पूर्उवी त्तर प्रदेश में यह जंगली पौधा है जो घर के आसपास उग जाता है दोनों की क्वालिटी में अंतर है तो पूर्वी उत्तर  प्रदेश में पाया जाता है वह काफी खतरनाक होता है अगर आपने उसे बेहतर ढंग से नहीं बनाया तो फिर पूछिए मत। जबकि गया रीजन में जो ओल उपजाया जाता है वह काफी बढ़िया क्वालिटी का होता है इसके कई प्रकार की सब्जियां व्यंजन और आचार बनाए जाते हैं  उत्तर बिहार में जो पाया जाता है उसका अचार ही बनाया जाता है। इस सुरंन  जिमीकंद के नाम से भी जाना जाता है। कहीं-कहीं इसकी मुलायम पत्तियां को साग के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह काफी फायदेमंद है इसमें फास्फोरस की मात्रा पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है  अगर आपने साल में एक बार इसकी सब्जी खा ली तो शरीर में जितनी फास्फोरस की मात्रा 1 साल के लिए चाहिए उतनी प्राप्त हो जाती है इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है तथा कई प्रकार की बीमारियों राहत भी मिलता है। ओल की खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार कृषि विभाग म...

गिलोय: औषधि एक इलाज अनेक

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गिलोय का एक पत्ता आपको 80 सालों तक बीमार नहीं होने देगा... गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई। 1. गिलोय बढ़ाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता :- गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। लिवर और किडनी की अच्छी देखभाल भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है। ये दोनों ही अंग खून को साफ करने का काम करते हैं। 2. ठीक करती है बुखार :- अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है। इसलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से ...

कृषि मंत्री ने दिया किसानों को तोहफा: कृषि जगत में इनोवेशन को दिया जाएगा बढ़ावा, किसानों के हित में आएंगे 40 नए तकनीक

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मा.कृषि मंत्री ने दिया किसानों को तोहफा: कृषि जगत में इनोवेशन को दिया जाएगा बढ़ावा, किसानों के हित में आएंगे 40 नए तकनीक हाइलाइट्स कल मनाया गया ICAR का स्थापना दिवस  कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान हुए शामिल  40 नए तकनीक को लॉन्च करने का बना प्लान   News:   भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की गौरवशाली यात्रा अनेक उपलब्धियों से भरी है। ICAR ने कृषि को विज्ञान तथा अनुसंधान से जोड़कर एक नई क्रांति की है। जिसके परिणामस्वरूप भारतीय कृषि नए प्रतिमान गढ़ रही है। आज पूसा परिसर, नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ICAR के 96वें स्थापना तथा प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में सहभागिता कर उपस्थितजनों को संबोधित किया और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री @LalanSingh_1 जी, केंद्रीय राज्यमंत्री द्वय श्री रामनाथ ठाकुर जी, श्री @mpbhagirathbjp जी, श्री @spsinghbaghelpr जी एवं श्री @GeorgekurianBjp जी सहित देशभर से पधारे कृषि वैज्ञानिक तथा अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे। @icarindia #ICARfoundationday कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहा...

लौकी (बोतल गॉर्ड) स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद

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लौकी (बोतल गॉर्ड) स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद सब्जी है। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यहाँ कुछ लाभ और उपयोग के तरीके दिए गए हैं:  लौकी के स्वास्थ्य लाभ: 1. पोषक तत्वों का स्रोत लौकी में विटामिन सी, विटामिन बी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं। 2. हाइड्रेशन इसमें 90% से अधिक पानी होता है, जो शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। 3. वजन कम करने में सहायक लौकी का सेवन वजन घटाने में मदद करता है क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है और फाइबर अधिक होता है। 4. पाचन में सुधार उच्च फाइबर सामग्री के कारण यह पाचन में सहायक होती है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है। 5. दिल की सेहत लौकी में पोटैशियम होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम कम होता है। 6. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होते हैं, जो त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।  लौकी का उपयोग कैसे और कब करें: 1. लौकी की सब्जी यह सबसे सामान्य और आसान तरीका ह...

पॉलीहाउस खेती: लाभ, लागत, सब्सिडी और उपयुक्त फसलें

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पॉलीहाउस खेती: लाभ, लागत, सब्सिडी और उपयुक्त फसलें पॉली हाउस खेती में एक अच्छी तरह से निर्मित संरक्षित प्रणाली शामिल होती है जिसमें फसलें कठोर मौसम की स्थिति, कीटों और बीमारियों से सुरक्षित वातावरण में उगाई जाती हैं। पॉलीहाउस खेती अपने सुरक्षात्मक वातावरण के कारण पारंपरिक कृषि पद्धतियों से बेहतर साबित हुई है, जिससे उपज बढ़ती है। पॉलीहाउस खेती क्या है? पॉलीहाउस खेती एक आधुनिक कृषि पद्धति है जिसमें पारदर्शी या अर्ध पारदर्शी सामग्रियों का उपयोग करके नियंत्रित वातावरण में पौधों की खेती शामिल है।  ये वातावरण आमतौर पर पारदर्शी दीवारों और छतों के साथ प्लास्टिक या धातु के फ्रेम से बने होते हैं। खुले खेत की फसलों की तुलना में यह फायदेमंद है क्योंकि रिटर्न अच्छा है क्योंकि पॉली हाउस मौसम की परवाह किए बिना पूरे साल फसल उगाने की अनुमति देता है। साथ ही, खुले खेत में खेती की तुलना में उपज की गुणवत्ता बेहतर होती है। खुले खेत में फसल की खेती की तुलना में पॉलीहाउस या ग्रीनहाउस खेती के तहत उपज  4 से 8  गुना के स्तर तक प्राप्त की जा सकती है । पॉलीहाउ...

अंबिका और अरूणिका:आम की सबसे बौनी किस्म

अंबिका और अरूणिका है आम की सबसे बौनी किस्म । इन्हें घर के किसी भी कोने में लगाकर आप प्रतिवर्ष 20 किलो तक आम उगा सकते हैं। आवाज एक पहल इंसान में बौनापन अभिशाप है पर आम के पौधों को बौना करने की कवायद चल रही है. अंबिका और अरूणिका वैज्ञानिकों के तकरीबन 30 साल की मेहनत के बाद आम की बोनी वैरायटी के रूप में विकसित की गई है। दरअसल आम के इन छोटी वैरायटी के कई फायदे हैं । इससे सघन वृक्षारोपण में कम स्थान में अधिक संख्या में पौधे लगने के कारण कुछ ही सालों में बहुत अधिक उपज मिलना संभव है।छोटे पौधों से फलों को तोड़ना आसान है और उनकी देखरेख में भी कम खर्च होता है। .अभी तक आम्रपाली किस्म अपने छोटे आकार के लिए काफी प्रचलित हुई हैं लेकिन आम्रपाली के फल बाजार में आने में 30 वर्ष लग गये.इसके पौधे भी  अन्य किस्मों की तरह विशाल रूप धारण कर लेते हैं. इसी दिशा में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में बौनी प्रजातियों के विकास के लिए शोध किया गया और अरूणिका एवं अम्बिका नाम की संकर किस्में विकसित की गई. अरूणिका अपनी माँ आम्रपाली से पौधों के आकार में लगभग 40 प्रतिशत छोटी है. लाल रंग के आकर्षक फलों के कार...