मड़ुआ (रागी): देशी अनाज हुआ इंटरनेशनल ! पश्चिमी देशों में बढ़ रहा है इसका क्रेज।
#मड़ुआ (रागी): देशी अनाज हुआ इंटरनेशनल ! पश्चिमी देशों में बढ़ रहा है इसका क्रेज। ---------------------------------------------------------------- ग्लोबल फाउण्डेशन सोसायटी मडुआ तकरीबन 4000 साल पहले भारत आया और अपने लाजवाब मेडिसिनल वैल्यू के कारण पूरे भारत में उत्पादित किया जाने लगा ! बीते कुछ वर्षों में जबसे अनाज के नाम पर सिर्फ चावल और गेहूं का प्रचलन बढ़ा तब बाजार ने इसे अनदेखा करना शुरू किया । मडुआ के किसान हतोत्साहित होने लगे और धीरे-धीरे लोग ईसको भूल गए। अब यह विरले पर्व त्योहारों में जैसे जिउतिया के मौके पर दिखता है। हालांकि दुनिया आज भी इसके महत्व से अवगत है। खास करके पश्चिमी देशों में लोग इसके दीवाने हो रहे हैं। मेडिसिनल वैल्यू से अवगत होने के बाद अमेरिका, डेनमार्क जैसे देशों में इसका डिमांड काफी बढ़ा है। यह एक संपूर्ण पौष्टिकता वाला अनाज है जिस के फायदे वाकई में लाजवाब हैं। वियतनाम मे तो इसे बच्चे के जन्म के समय औरतो को दवा के रूप मे दिया जाता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए यह रामबाण है तो आइए जानते हैं मड़ुआ की कहानी। ईसे अ...