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Showing posts from February, 2024

मड़ुआ (रागी): देशी अनाज हुआ इंटरनेशनल ! पश्चिमी देशों में बढ़ रहा है इसका क्रेज।

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#मड़ुआ (रागी): देशी अनाज हुआ इंटरनेशनल ! पश्चिमी देशों में बढ़ रहा है इसका क्रेज। ---------------------------------------------------------------- ग्लोबल फाउण्डेशन सोसायटी मडुआ तकरीबन 4000 साल पहले भारत आया और अपने लाजवाब मेडिसिनल वैल्यू के कारण पूरे भारत में उत्पादित किया जाने लगा ! बीते कुछ वर्षों में जबसे अनाज के नाम पर सिर्फ चावल और गेहूं का प्रचलन बढ़ा तब बाजार ने इसे अनदेखा करना शुरू किया । मडुआ के किसान  हतोत्साहित होने लगे और धीरे-धीरे लोग ईसको भूल गए। अब यह विरले पर्व त्योहारों में जैसे जिउतिया के मौके पर  दिखता है। हालांकि  दुनिया आज भी इसके महत्व से अवगत है। खास करके पश्चिमी देशों में लोग इसके दीवाने हो रहे हैं। मेडिसिनल वैल्यू से अवगत होने के बाद अमेरिका, डेनमार्क जैसे देशों में इसका डिमांड काफी बढ़ा है। यह एक संपूर्ण पौष्टिकता वाला अनाज है जिस के फायदे वाकई में लाजवाब हैं।  वियतनाम मे तो इसे बच्चे के जन्म के समय औरतो को दवा के रूप मे दिया जाता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए यह रामबाण है तो आइए जानते हैं मड़ुआ की कहानी।  ईसे अ...

गेहूं किसानों से कुछ प्रश्न ?

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गेहूं किसानों से कुछ प्रश्न ? 1. क्या आप हर साल नई किस्म लगाते है ? 2. किस्म औसत कितने साल में बदलते है ? 3. क्या आप खुद का बीज खुद तैयार करते है ? 4. क्या जिस किस्म का चयन करते है आपके क्षेत्र के लिए सिफारिश की गई है ? 5. बिना अनुशंसा वाली किस्म लगाने पर किसी प्रकार की उपज में कमी या अधिकता देखी है? 6. उपज बढ़ाने के लिए क्या उपाय करते है ? 7. प्रतिकूल मौसम में तापमान बढ़ने पर उपज में कमी को संतुलित कैसे करते है ? 8. आपके द्वारा गेहूं में किसी किस्म की अधिकतम उपज प्रति हैक्टेयर या एकड़ में कितनी है किस्म के नाम सहित बताएं ?

हड़जोड़ (Veld Grape)

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हड़जोड़ (Veld Grape) K.P.Singh Global Foundation Society इस पौधे को  भारत में हर किसी ने अपने आसपास जरूर देखा होगा। अगर नहीं देखा तो अपनी नजर दौड़ाइये सड़क के किनारे किसी पेड़ पर चढ़ी हुई इस पौधे की लता आपको बड़ी आसानी से देखने को मिल जाएगा। यह एक बेशकीमती पौधा है। आयुर्वेद में इस पौधे का काफी महत्त्व है। K.P.Singh Global Foundation Society #हड़जोड़_या_अस्थिसंहार  अस्थिसंहार को आयुर्वेद में औषधि के रुप में सबसे ज्यादा प्रयोग हड्डियों को जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा भी अस्थिसंहार पेट संबंधी समस्या, पाइल्स, ल्यूकोरिया, मोच, अल्सर आदि रोगों के उपचार में भी काम आता है।  K.P.Singh Global Foundation Society #हड़जोड़ - टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने में मदद करता है। इसका पेड़ देखने में शृंखला जैसा लगता है, इसके पुराने तने पत्ते रहित होते हैं। यह हड्डियों संबंधित बिमारियों में मदद में आता है। K.P.Singh Global Foundation Society अस्थिसंहार प्रकृति से मधुर, कड़वा, तीखा, गर्म, लघु, गुरु, रूखी, कफवातशामक, पाचक और  शक्तिवर्द्धक होता है। ...

कहानी मृदा जनित बीमारियों की

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कहानी मृदा जनित बीमारियों की पेड़, पौधे भी बीमारियों से ग्रस्त होते है । यह बीमारियां उन्हे जड़, तना, पत्ती, फूल, फल, कंद कहीं भी हो सकती है और समय पर नियंत्रण नहीं होने की स्थिति में पौधे खत्म हो जाते है, उत्पादन कम मिलता है, गुणवत्ता खराब हो सकती है कुल मिलाकर नुकसान ही होता है। Er.K.P.Singh Global Foundation Society इस लेख में केवल मृदा जनित बीमारियों से थोड़ा परिचय कराने की कोशिश है। मृदा जनित से मतलब है मिट्टी की वजह से होने वाली बीमारियां। जैसा की हम सभी जानते है मिट्टी में सेकडो प्रकार के सूक्ष्म जीव रहते है वो फफूंद, बैक्टीरिया, वायरस, नेमाटोड़ आदि हो सकते है। इनके कुछ प्रकार पौधो के लिए लाभकारी होते है वहीं कुछ नुकसान दायक होते है। यही नुकसान देने वाले सूक्ष्म जीव पौधो की जड़ों को खराब करते है या उगने वाले अंकुर को संक्रमित करते है या छोटे पौधे के तनों को गला देते है। Er.K.P.Singh Global Foundation Society अब अंकुर संक्रमित है तो अंकुरण कम दिखता है। पौध संख्या कम होने पर दोबारा बुवाई की जरूरत पड़ जाती है। छोटे पौधो में तनागलन होने से पौध संख्या कम हो जाती है। ये शु...

केला में फरवरी माह मेंकिए जाने वाले प्रमुख कृषि कार्य

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केला में फरवरी माह में किए जाने वाले प्रमुख कृषि कार्य इ कौशलेन्द्र प्रताप सिंह निदेशक ग्लोबल फाउण्डेशन सोसायटी ईमेल - globalfoundation788@gmail.com वेबसाइट -- globalkrishi.com  केला का  उत्तक संबर्धन से लगाया गया पौधा 7-8 महीने का हो गया होगा , अब इसमे हल्की जुताई-गुड़ाई करने के बाद प्रति केला 200 ग्राम यूरिया, 200 ग्राम म्यूरेट आफ पोटाश एवं 100 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग करें  तथा मिट्टी चढ़ा दे , क्योकि अब इसमे फूल आने ही वाला है । ज्ञातव्य हो की बिहार में केला के लिए 300 ग्राम नत्रजन, 200 ग्राम फास्फोरस एवम् 300 ग्राम पोटाश तत्व के रूप प्रति पौधा देने की अनुसंशा किया जाता हैं एवम् सलाह दिया जाता है की उपरोक्त उर्वरकों की मात्रा को तीन या चार बराबर बराबर हिस्से मे बाट दिया जाय।जब चार स्प्लिट मे देना हो तो 0,3,6,9 वे महीने में यदि 3 स्प्लिट मे देना हो तो 0,4,8 महीने में ऊर्वरकों को देना चाहिए। सूखी एवं रोगग्रस्त पत्तियों को तेज चाकू से समय-समय पर काटते रहना चाहिए। येसा करने से रोग की सान्ध्रता भी घटती है एवं  रोग का फैलाव भी कम होता है। हवा एवं प्...

बाजरा : प्राचीन अनाज का आधुनिक पुनर्जन्म

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बाजरा : प्राचीन अनाज का आधुनिक पुनर्जन्म  रेगिस्तान की रानी, सूरज का साथी, गरीबों का सोना - ये सभी उपनाम एक साधारण से दिखने वाले अनाज के हैं, जिसका नाम है बाजरा। 4000 साल का इतिहास समेटे, बाजरा ने अफ्रीका से भारत की यात्रा तय की और यहां की संस्कृति में इस कदर रच बस गया कि दादी मां की कहानियों से लेकर खेतों के नज़ारों तक, हर जगह इसकी छाप देखने को मिलती है। आज जब आधुनिक ज़िंदगी की भागदौड़ में हम पौष्टिकता की तलाश कर रहे हैं, तो बाजरा एक सुखद आवाज़ की तरह सामने आता है। ये वो हीरो है जो सूखे और कमज़ोर ज़मीन पर भी हंसते-हंसते फसल देता है। जहां गेहूं और मक्का प्यासे होकर हार मान लेते हैं, वहां बाजरा अपना हरा झंडा लहराता रहता है। ये गुण ही इसे पर्यावरण का आदर्श साथी बनाते हैं। लेकिन बाजरा की असली ताकत तो उसके अंदर छिपी है। वो आयरन, कैल्शियम और विटामिन ई का खजाना है, जो आपके शरीर को हर जरूरी तत्व देता है। फाइबर, मैग्नीशियम, जिंक और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के साथ मिलकर ये आपके सेहत की पहरेदारी करता है। एनीमिया को हराना हो, वज़न को कम करना हो, मधुमेह को कंट्रोल करना हो या हृदय को ...

योगी सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा, मुफ्त सिंचाई और नलकूप बिजली आपूर्ति के लिए सरकार का बड़ा ऐलान

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योगी सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा, मुफ्त सिंचाई और नलकूप बिजली आपूर्ति के लिए सरकार का बड़ा ऐलान उत्तर प्रदेश सरकार, किसानों के उत्थान पर विशेष ध्यान दे रही है। डार्क जोन में नए निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया है, जिससे एक लाख किसानों को सीधा फायदा होगा। #UPYogiBudget2024 #SPshahi #SPshahibjp यूपी सरकार ने आज 5 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट पेश किया है। इस बजट में कृषि, सिंचाई, जल जीवन मिशन, उद्योग, शिक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े प्रोजेक्ट्स और योजनाओं को जगह दी गई है। योगी सरकार ने इस बजट में 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपए का आयोजन किया है, जो पिछले वर्ष के बजट से 14.5 प्रतिशत अधिक है। इसमें 24 हजार करोड़ रुपए की नई योजनाएं शामिल हैं। योगी सरकार ने कृषि और सिंचाई को अपनी प्राथमिकता बनाया है।  राज्य वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सिंचाई नलकूपों पर बिजली आपूर्ति के लिए 2400 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इससे डार्क जोन में नलकूप बैन हटने से 1 लाख किसानों की उपज बढ़ाने में मदद मिलेगी।  ...